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गाँव की गलियों में कुचलती धूल, पीली और खिस्सी हुईं पत्थरों पर लोगों की भीड़ गुजर

गाँव की गलियों में कुचलती धूल, पीली और खिस्सी हुईं पत्थरों पर लोगों की भीड़ गुजरती थी। रमेश, एक छोटा लड़का, धूमिल से कपड़ों में गाँव के मुख्य सड़क पर जा रहा था। उसके पैर जूतों से नहीं, बल्कि पुराने और फटे जूते से ढके हुए थे। हाथों में उसका पुराना और कुछ दर्द मिला स्कूल बैग था। 


रमेश की मां, कमल, सारे दिन मजदूरी करती थी। उसका बाप, राम, एक छोटी दुकान चलाता था, लेकिन वह अक्सर शराब में डूबा रहता था। गरीबी के कारण उनके पास अच्छे कपड़े या जूते नहीं थे। वे अपने बेटे को कुछ भी देने में सक्षम नहीं थे।


स्कूल के सामने पहुंचकर, रमेश ने अपना बैग थामा और आग्रह करते हुए कहा, "माँ, मैं स्कूल जाऊंगा। मैं पढ़ना चाहता हूं।" कमल ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और कहा, "जा, लेकिन सावधान रहना। मैं तेरी खातिर कुछ भी करने को तैयार हूं।"


रमेश स्कूल में घुसा। लड़के-लड़कियों की भीड़ उसके आस-पास थी। कुछ लड़के उसकी पुरानी शर्ट और फटे जूतों पर मुस्कुरा रहे थे। एक लड़का ने उसके बैग की ओर इशारा करते हुए कहा, "अरे, यह क्या है? तुम्हारे पास तो कोई अच्छी किताब भी नहीं है।" अन्य लड़के उसका मजाक उड़ाने लगे। रमेश सिर झुकाए खड़ा था, उसकी आंखों में आंसू आ गए थे।


रमेश को स्कूल में अच्छा नहीं लगता था। वह अक्सर निराश महसूस करता था। उसके पास न तो अच्छे कपड़े थे, न ही किताबें। वह तो बस अपने माता-पिता के लिए बेहतर जीवन चाहता था। कभी-कभी वह सोचता, "क्या मैं कुछ भी बन पाऊंगा? क्या मेरे माता-पिता पर गर्व महसूस कर पाएंगे?" लेकिन फिर उसका दृढ़ संकल्प उसे और आगे बढ़ने को प्रेरित करता था।


एक दिन जब रमेश घर लौट रहा था, तो उसे अपने पिता राम को मदिरा के नशे में धुत देखा। उसकी मां कमल एक कोने में बैठी थी और आंसू बहा रही थी। रमेश इस दृश्य से दुखी हो गया। वह अपने माता-पिता के लिए एक बेहतर जीवन चाहता था, लेकिन ऐसी स्थिति में वह क्या कर सकता था।


रात को अपने कमरे में रमेश सोच में डूब गया। वह अपने माता-पिता के लिए गर्व महसूस करना चाहता था। वह एक अच्छी जॉब पाकर उन्हें एक अच्छा घर, अच्छे कपड़े और सुख-सुविधाएं देना चाहता था। उसने एक दृढ़ संकल्प लिया - वह पढ़ाई करके अच्छी नौकरी प्राप्त करेगा।


अगले दिन स्कूल में, रमेश अपने साथियों की चुटकियों और मजाक का सामना करते हुए भी पढ़ाई में लगा रहा। उसने सर से लेकर पैर तक अपना
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गाँव की गलियों में कुचलती धूल, पीली और खिस्सी हुईं पत्थरों पर लोगों की भीड़ गुजरती थी। रमेश, एक छोटा लड़का, धूमिल से कपड़ों में गाँव के मुख्य सड़क पर जा रहा था। उसके पैर जूतों से नहीं, बल्कि पुराने और फटे जूते से ढके हुए थे। हाथों में उसका पुराना और कुछ दर्द मिला स्कूल बैग था। रमेश की मां, कमल, सारे दिन मजदूरी करती थी। उसका बाप, राम, एक छोटी दुकान चलाता था, लेकिन वह अक्सर शराब में डूबा रहता था। गरीबी के कारण उनके पास अच्छे कपड़े या जूते नहीं थे। वे अपने बेटे को कुछ भी देने में सक्षम नहीं थे। स्कूल के सामने पहुंचकर, रमेश ने अपना बैग थामा और आग्रह करते हुए कहा, "माँ, मैं स्कूल जाऊंगा। मैं पढ़ना चाहता हूं।" कमल ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और कहा, "जा, लेकिन सावधान रहना। मैं तेरी खातिर कुछ भी करने को तैयार हूं।" रमेश स्कूल में घुसा। लड़के-लड़कियों की भीड़ उसके आस-पास थी। कुछ लड़के उसकी पुरानी शर्ट और फटे जूतों पर मुस्कुरा रहे थे। एक लड़का ने उसके बैग की ओर इशारा करते हुए कहा, "अरे, यह क्या है? तुम्हारे पास तो कोई अच्छी किताब भी नहीं है।" अन्य लड़के उसका मजाक उड़ाने लगे। रमेश सिर झुकाए खड़ा था, उसकी आंखों में आंसू आ गए थे। रमेश को स्कूल में अच्छा नहीं लगता था। वह अक्सर निराश महसूस करता था। उसके पास न तो अच्छे कपड़े थे, न ही किताबें। वह तो बस अपने माता-पिता के लिए बेहतर जीवन चाहता था। कभी-कभी वह सोचता, "क्या मैं कुछ भी बन पाऊंगा? क्या मेरे माता-पिता पर गर्व महसूस कर पाएंगे?" लेकिन फिर उसका दृढ़ संकल्प उसे और आगे बढ़ने को प्रेरित करता था। एक दिन जब रमेश घर लौट रहा था, तो उसे अपने पिता राम को मदिरा के नशे में धुत देखा। उसकी मां कमल एक कोने में बैठी थी और आंसू बहा रही थी। रमेश इस दृश्य से दुखी हो गया। वह अपने माता-पिता के लिए एक बेहतर जीवन चाहता था, लेकिन ऐसी स्थिति में वह क्या कर सकता था। रात को अपने कमरे में रमेश सोच में डूब गया। वह अपने माता-पिता के लिए गर्व महसूस करना चाहता था। वह एक अच्छी जॉब पाकर उन्हें एक अच्छा घर, अच्छे कपड़े और सुख-सुविधाएं देना चाहता था। उसने एक दृढ़ संकल्प लिया - वह पढ़ाई करके अच्छी नौकरी प्राप्त करेगा। अगले दिन स्कूल में, रमेश अपने साथियों की चुटकियों और मजाक का सामना करते हुए भी पढ़ाई में लगा रहा। उसने सर से लेकर पैर तक अपना

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गाँव की गलियों में कुचलती धूल , पीली और खिस्सी हुईं पत्थरों पर लोगों की भीड़ गुजरती थी। रमेश , एक छोटा लड़का , धूमिल से कपड़ों में गाँव के मुख्य सड़क पर जा रहा था। उसके पैर जूतों से नहीं , बल्कि पुराने और फटे जूते से ढके हुए थे। हाथों में उसका पुराना और कुछ दर्द मिला स्कूल बैग था। रमेश की मां , कमल , सारे दिन मजदूरी करती थी। उसका बाप , राम , एक छोटी दुकान चलाता था , लेकिन वह अक्सर शराब में डूबा रहता था। गरीबी के कारण उनके पास अच्छे कपड़े या जूते नहीं थे। वे अपने बेटे को कुछ भी देने में सक्षम नहीं थे। स्कूल के सामने पहुंचकर , रमेश ने अपना बैग थामा और आग्रह करते हुए कहा , "माँ , मैं स्कूल जाऊंगा। मैं पढ़ना चाहता हूं।" कमल ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और कहा , "जा , लेकिन सावधान रहना। मैं तेरी खातिर कुछ भी करने को तैयार हूं।" रमेश स्कूल में घुसा। लड़के-लड़कियों की भीड़ उसके आस-पास थी। कुछ लड़के उसकी पुरानी शर्ट और फटे जूतों पर मुस्कुरा रहे थे। एक लड़का ने उसके बैग की ओर इशारा करते हुए कहा , "अरे , यह क्या है ? तुम्हारे पास तो कोई अच्छी किताब भी नहीं है।" अन्य लड़के उसका मजाक उड़ाने लगे। रमेश सिर झुकाए खड़ा था , उसकी आंखों में आंसू आ गए थे। रमेश को स्कूल में अच्छा नहीं लगता था। वह अक्सर निराश महसूस करता था। उसके पास न तो अच्छे कपड़े थे , न ही किताबें। वह तो बस अपने माता-पिता के लिए बेहतर जीवन चाहता था। कभी-कभी वह सोचता , "क्या मैं कुछ भी बन पाऊंगा ? क्या मेरे माता-पिता पर गर्व महसूस कर पाएंगे ? " लेकिन फिर उसका दृढ़ संकल्प उसे और आगे बढ़ने को प्रेरित करता था। एक दिन जब रमेश घर लौट रहा था , तो उसे अपने पिता राम को मदिरा के नशे में धुत देखा। उसकी मां कमल एक कोने में बैठी थी और आंसू बहा रही थी। रमेश इस दृश्य से दुखी हो गया। वह अपने माता-पिता के लिए एक बेहतर जीवन चाहता था , लेकिन ऐसी स्थिति में वह क्या कर सकता था। रात को अपने कमरे में रमेश सोच में डूब गया। वह अपने माता-पिता के लिए गर्व महसूस करना चाहता था। वह एक अच्छी जॉब पाकर उन्हें एक अच्छा घर , अच्छे कपड़े और सुख-सुविधाएं देना चाहता था। उसने एक दृढ़ संकल्प लिया - वह पढ़ाई करके अच्छी नौकरी प्राप्त करेगा। अगले दिन स्कूल में , रमेश अपने साथियों की चुटकियों और मजाक का सामना करते हुए भी पढ़ाई में लगा रहा। उसने सर से लेकर पैर तक अपना
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6
단계
25
수집기
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랜덤 시드
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스케줄러
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이미지 사이즈
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모델
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생성
사이즈
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날짜
Aug 15, 2024
모드
스튜디오
유형
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Checkpoint
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