कर्ण को दूसरा श्राप एक ब्राह्मण ने दिया था। एक दिन कर्ण शब्दभेदी बाण चलाने का अभ
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कर्ण को दूसरा श्राप एक ब्राह्मण ने दिया था। एक दिन कर्ण शब्दभेदी बाण चलाने का अभ्यास कर रहे थे। तभी उनको झाड़ियों में से किसी जीव के चलने की आवाज आई तो उन्होंने समझा कि कोई हिंसक जीव हो सकता है, जो यहां रहने वाले मनुष्यों के लिए खतरा बन सकता है इसलिए कारण बाण चला दिया। बाण किसी हिंसक जीव को नहीं बल्कि एक बछड़े को लग गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। उस बछड़े का मालिक एक ब्राह्मण था, जो यह सब दे
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कर्ण को दूसरा श्राप एक ब्राह्मण ने दिया था। एक दिन कर्ण शब्दभेदी बाण चलाने का अभ्यास कर रहे थे। तभी उनको झाड़ियों में से किसी जीव के चलने की आवाज आई तो उन्होंने समझा कि कोई हिंसक जीव हो सकता है, जो यहां रहने वाले मनुष्यों के लिए खतरा बन सकता है इसलिए कारण बाण चला दिया। बाण किसी हिंसक जीव को नहीं बल्कि एक बछड़े को लग गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। उस बछड़े का मालिक एक ब्राह्मण था, जो यह सब दे
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